मुकेश कुमार मिश्र : कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रा का शुभारंभ हो गया है। बिहार के खगडिया जिला अन्तर्गत परवत्ता प्रखंड के खजरैठा गांव में वैष्णवी माँ भगवती की पूजा वहाँ के ग्रामीण वर्षों से करते आ रहे हैं। लोगों का मानना है कि माँ की महिमा अगम अपार है माँ सभी कष्टों को दुर करती हैं तथा भक्तों की मन्नतें पूर्ण करती हैं। इस मंदिर में दुर्गा सप्तशती के साथ रामचरितमानस का नवाह पाठ भी किया जा रहा है।यह परंपरा कई सौ वर्षों से चलती आ रही हैं।माँ दुर्गा के साथ भगवान श्री राम की भी जयकार होती हैं।माँ के नौ रूपों की पूजा पूरे विधि विधान तरीके से होती हैं। निशा पूजा सांकेतिक रूप में की जाती हैं। यहाँ अस्त्र शस्त्र का प्रयोग वर्जित हैं। नवग्रह पूजा की भी विशेष परम्परा है।दुर्गा सप्तशती एवं रामचरितमानस के नवाह पाठ के ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो चुका हैं।
खजरैठा गांव में होती हैं वैष्णवी दुर्गा की आराधना
नवमी के दिन कुंवारी कन्या पूजन का विशेष महत्व है! 51 से अधिक संख्या में कुंवारी कन्या को नये वस्त्र एवं श्रृंगार से सुशोभित करते हैं। उसके बाद कुंवारी कन्या पूजन किया जाता हैं।मंदिर परिसर में नवमी एवं दसवीं के दिन कुंवारी कन्या को भोजन करवाया जाता हैं। कुंवारी कन्या द्वारा जो भोजन प्राप्त किया जाता हैं उनमें से बचे भाग प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता हैं।। नवमी के रात मंदिर परिसर में ब्राह्मण भोजन करवाने की भी परम्परा है।
अति प्राचीन है खजरैठा का दुर्गा मंदिर
जिला परिषद के पूर्व सदस्य खजरैठा निवासी पंकज कुमार राय ने बताया कि खजरैठा का दुर्गा मन्दिर अति प्राचीन है। स्थानीय पंडित के अलावा अन्य राज्यों से भी पंडित पहुँचे हैं जिनके द्वारा दुर्गा सप्तशती के साथ रामचरितमानस का नवाह पाठ किया जा रहा हैं। ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण सुमन राय, अंजनी राय , बंटी राय,श्रवण राय, रवीन्द्र राय , रामराघव राय ने बताया कि संध्या पूजन में भक्तजनों की अपार भीड़ उमड पडती हैं। दुर्गा मंदिर को रोशनी से चकाचौंध कर दिया गया है। लगातार दस दिनों तक मंदिर में भक्तों का जन सैलाब उमड़ेगी।