मुकेश कुमार मिश्र : शारदीय नवरात्रा एक अक्तूबर से प्रारम्भ हो रही हैं। ओर ग्यारह अक्तूबर को विजयादशमी हैं। इस बार द्वितीय तिथि दो दिन रहने के कारण शारदीय नवरात्रा दस दिनों की होगा । सोलह साल बाद इस तरह का संयोग आया है।
श्री शिव शक्ति योगपीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने बताया कि नवरात्रा कलश स्थापना अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा शनिवार को होने के कारण शास्त्रों में मां दुर्गा का आगमन अश्व ( घोड़े ) पर हैं। जिसका फल होता हैं किसी बड़े राष्ट्र नेता का प्रयाग। एवं विजयादशमी मंगलवार को हैं। माँ दुर्गा मुर्गा पर सवार होकर प्रस्थान करेगी। जिसका फल होता हैं राष्ट्र एवं जन मानस के बीच विकलता, क्षोभ, अन्तर युद्ध,अशांति आदि।वही संसारपुर निवासी पंडित अजय कांत ठाकुर, पिपरा निवासी पंडित चन्द्रभुषण मिश्र ने बताया कि इस बार नौ के बजाय दस दिनों की नवरात्रा होगी। जिसमें माँ दुर्गा को नौ रूपों की पूजा भक्त गण करेंगे।
- 1 अक्तूबर प्रतिपदा को शैलपुत्री स्वरूप की पूजा
- 2 एवं 3 को ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा
- 4 अक्तूबर को चन्द्रघंटा स्वरूप की पूजा
- 5 अक्तूबर को कुस्मांडा स्वरूप की पूजा
- 6 अक्तूबर को स्कंदमाता स्वरूप की पूजा
- 7 अक्तूबर को कात्यायनी स्वरूप की पूजा
- 8 अक्तूबर को कालरात्रि स्वरूप की पूजा
- 9 अक्तूबर को महागौरी स्वरूप की पूजा
- 10 अक्तूबर सिद्धि दात्री स्वरूप की पूजा एवं
- 11 अक्तूबर को विजयादशमी
नवरात्रा की तैयारियों में लोग जुट गए हैं। माँ दुर्गा की प्रतिमा बनाने में मूर्तिकार जुट गए हैं। मंदिर में रंग रौनक की जा रही हैं। माँ दुर्गा समिति के सदस्य दुर्गा पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाने को लेकर आपसी बैठक शुरू कर दी है। शारदीय नवरात्रा घर घर में लोग श्रद्धा, भक्ति के साथ मनाते हैं।