koshixpress desk : माफियाओं और अपराधियों के सहारे सरकार चला रहे नीतीश कुमार को अपराध नियंत्रण का स्वांग नहीं रचना चाहिए। महागठबंधन के 178 विधायकों में से 99 के खिलाफ संगीन अपराध के मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। विधान सभा चुनाव में महागठबंधन ने अपराधियों और उनके रिश्तेदारों को टिकट दिया था। कई अपराधियों को विधान सभा और विधान परिषद का टिकट नीतीश कुमार ने दिया और उन्हें जनप्रतिनिधि बनाया। अब मुख्यमंत्री की पूरी शक्ति अपराधियों को बचाने में लग रही है। उपरोक्त बातें जनअधिकार पार्टी के संरक्षक सह मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पु यादव ने आज पटना में पत्रकरों से वार्ता करते हुए कहा | सांसद श्री रंजन ने कहा की पिछले छह महीनों के कार्यकाल में बिहार में 2 लाख से ज्यादा हत्या, लूट, बलात्कार और अन्य आपराधिक मामले थानों में दर्ज हुए हैं। पिछले छह महीनों में अपराध के आंकड़ों में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है।

सांसद ने सवालिया लहजे में कहा की मुख्यमंत्री जी सुशासन और अपराध नियंत्रण का दावा किस आधार पर कर रहे हैं। महागठबंधन के आरोपित विधायकों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल क्यों नहीं चलाया जा रहा है। सांसद ने आदित्य हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की हैं। इस सन्दर्भ में आगामी 22 मई को नई दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे और सभी विधायक, सांसद और मंत्रियों की संपत्ति की जांच सीबीआई से कराने की मांगे करेंगे। साथ ही बिहार के मामले में हस्तेक्षप का आग्रह भी करेंगे। जन अधिकार पार्टी आगामी 21 मई को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के खिलाफ सीवान में महाधरना देगी। उसी दिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीभगवान सिंह कुशवाहा पत्रकार की पत्नी को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद भी देंगे। उन्होंने चतरा में हुए पत्रकार हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की हैं |